'गर्मी का मौसम आने को तैयार .. थोडी सी मस्ती, थोडा सा प्यार सूती के कपड़ों को कर लो तैयार हैप्पी गर्मी का मौसम .. मेरे यार'
सुनो धूप से अपने सर को बचाना ... क्योकि भूसा जल्दी आग पकड़ लेता है .
''अपना समझो या बेगाना हमारा आपका रिश्ता है पुराना इसलिए फ़र्ज़ था आपको बताना गर्मियाँ शुरू हो गयी है रोज़ नहाना ...''
गर्मी के बारे मे क्या कहूं .. बस ऐसा समझ लो... ये तो वो बीवी है ... जिसके साथ रह नहीं सकता और.. तलाक़ दे नहीं सकता.....
'गर्मी का जमाना है sms करके आपको सताना है मौसम भी दीवाना है 2-4 sms आप भी कर दो balance बचाकर क्या नया telcome powder लाना है ..'
माहौल इस कदर है .. चारो तरफ ज्यूस और कोलड्रिंक है .. ये कोई शादी की पार्टी नहीं... ये तो गर्मी का त्यौहार है ...
'रात को नींद नहीं सुबह को चैन नहीं हर पल प्यास ही प्यास है आग ही आग है क्या यही प्यार है नहीं यार ये तो गर्मी की शुरुआत है ..'
काश सूरज की भी बीवी होती जो उसे कंट्रोल करती .......
गर्मी इस तरह से आई है ... संग अपने कूलर और लायी है.. घर से बाहर कैसे जाओगे बेटा ... क्योकि सूरज की अपनी पत्नी से लड़ाई हुई है ....
'न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी, मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी, मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में आपकी तस्वीर नज़र आ गयी…'
आसमान में काली घटा छायी है, आज फिर गर्लफ्रेंड ने 2 बातें सुनाई है, दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर, बाजूवाली आज फिर भीग के आई है…
'''काश आप जिनको चाहते हो उनसे मुलाकात हो जाये, ज़ुबान से न सही आँखों से बात हो जाये, आप का हाथ उनके हाथ में हो, और रिमझिम सी बरसात हो जाये…'''
ये बादल ये बिजली सिर्फ आपके लिए है, ये मौसम ये हवा सिर्फ आपके लिए है, कितने दिन बीते आपको नहाये हुए, ये बेवक़्त बारिश सिर्फ आपके लिए है…
ऐ बारिश ज़रा थमके बरस, जब मेरे यार आ जाये तो जमके बरस, पहले न बरस की वह आ न सके, फिर ईतना बरस की वो जा न सके…
अब के सावन मे पानी बरसा बहुत, पानी की हर बूँद मे वह आये याद बहुत, इस सुहाने मौसम मे साथ नही था कोई, बादलों के साथ इन आँखों से पानी बहा बहुत… '''''
''बादलों से कह दो, जरा सोच समझ कर बरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी, तो मुकाबला बराबरी का होगा…''
खयालों मे वही, सपनो मे वही, लेकीन उनकी यादों मे हम थे ही नही, हम जागते रहे दूनिया सोती रही, एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही…
पूछती हो ना मुझसे तुम हमेशा की, मैं कितना प्यार करता हूँ तुम्हे, तो गिन लो.. बरसती हुई इन बूंदों को तुम!